तंत्र की ब्याख्या कुछ लोगों ने इस तरह से कर दी की सामान्य आदमी तंत्र का नाम सुन कर भयभीत हो जाता हे जब की तंत्र में एसा कुछ नहीं जो डरने लायक हो ,अब आपही बताईये क्या हे इस दुनियां में जो तंत्र के बिना चलता हो , सभी कुछ तंत्र में समाहित हे , चाहे बह सरीर तंत्र हो ,तंत्रिका तंत्र हो ,प्रजा तंत्र हो , राज तंत्र हो या समाज तंत्र हो , बिज्ञान तंत्र हो ,ज्ञान तंत्र हो, भक्ति तंत्र हो , देव तंत्र हो ,भेरव तंत्र हो,या योगनी तंत्र हो या क्रिया तंत्र हो, कर्म तंत्र हो, जीबन तंत्र में सभी तंत्रों का ज्ञान आबस्यक हे हाँ तंत्र के कुछ संप्रदाय जेसे नाथ संप्रदाय ,अघोर संप्रदाय बाम संप्रदाय या बाम पंथी कुछ सामान्य से अलग हट कर कार्य कलाप करते हे जिसे बह सिध्धि समझते हें जब की सिद्धि नहीं ये बिज्ञान के चमत्कार हे जो पूर्ण रूप से बिज्ञानिक हे ,किन्तु शिक्षा और ज्ञान की कमी के कारन उस समय बह चमत्कार के रूप में प्रचारित हुए किन्तु आज टेलीपेथी की जगह टी बी और टेलीफ़ोन ने ले ली उड़न खटोला की जगह हेलिकोप्टर और जहाज ने लेली जादुई आग की जगह लाईटर ने लेली और चमत्कार समझे जाने बलि तन्त्रा बीद्ध्या बिज्ञान बन गयी बाकि जो संसय हे बिज्ञान शिक्षा उन्नत होने पर स्वतः समझ में आ जाएगी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें