शक्ति की व्यापकता मानने वालों के लिये
हे शक्ति! आप ही पूर्णतः भगवती हैं क्योंकि आप में भग शब्द के सारे अर्थ सही हैं- तेज, सृष्टि का स्थान, आदि। आप आदि शक्ति हैं, मैं भी यही कहता हूं, आदि शक्ति और अनंत शक्ति ही आप हैं। इसलिये आपको किसी सीमित रूप में देखने में चाहे जो भी सुविधा हो, आपको किसी रूप विशेष में सीमित मानना अपराध है।
आप ज्ञान शक्ति, इच्छा शक्ति और क्रिया शक्ति हैं। आपकी इस व्यापक सत्ता को स्वीकार करने वालों, उसका आदर करने वालों पर अपनी कृपा सदा की भांति बनाये रखेंगी, यही आशा और भरोसा है। जो इनमें से किसी शक्ति से कमजोर है, उस पर विशेष कृपा करें ताकि कमजोर की भी रक्षा हो सके। इससे मुझे सीधा लाभ होगा क्योंकि मैं तो हर हाल में कमजोर हूं। भगवती! प्रणाम।
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